750+ Galib ki Shayari in Hindi PDF गालिब की बेहतरीन शायरी

गालिब को उर्दू भाषा का सबसे महान शायर माना जाता है मिर्जा गालिब की शायरी आज भी लोगों की जुबान पर बनी रहती हैं गालिब का जन्म आगरा में हुआ था और इनको उर्दू कविताओं को हिन्दुस्तानी जुबान में दुनियाभर में मशहूर करने का श्रेय दिया जाता है। अगर आप भी Galib ki Shayari को pdf के माध्यम से Download करना चाहते हैं तो आप इस लेख के माध्यम से बड़ी ही आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

विषय शायरी
महत्वपूर्ण आशिकों के लिए
नाम Galib ki Shayari in Hindi PDF
Publisher Study Mirror
PDF Link By आशीष सिंह
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Galib ki Shayari in Hindi PDF

वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं!
कभी हम उमको, कभी अपने घर को देखते हैं

हुई मुद्दत कि ‘ग़ालिब’ मर गया पर याद आता है,
वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता !

वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं!
कभी हम उमको, कभी अपने घर को देखते हैं

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है

वो रास्ते जिन पे कोई सिलवट ना पड़ सकी,
उन रास्तों को मोड़ के सिरहाने रख लिया !

वो उम्र भर कहते रहे तुम्हारे सीने में दिल नहीं,
दिल का दौरा क्या पड़ा ये दाग भी धुल गया !

हम को उन से वफा की है उम्मीद,
जो नहीं जानते वफा क्या है !

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है,
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज-ए-गुफ़्तगू क्या है !

इसलिए कम करते हैं जिक्र तुम्हारा,
कहीं तुम खास से आम ना हो जाओ !
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है,
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है !
दुःख दे कर सवाल करते हो,
तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो !
हाथों की लकीरों पे मत जा ऐ गालिब,
नसीब उनके भी होते है जिनके हाथ नहीं होते !
हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन,
दिल को खुश रखने को ‘गालिब’ ये ख्याल अच्छा है !
आया है बेकसी-ए-इश्क पे रोना ग़ालिब,
किसके घर जायेगा सैलाब-ए-बला मेरे बाद !
मैं नादान था जो वफा को तलाश करता रहा ग़ालिब,
यह न सोचा की,
एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी !
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में,
और हम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते !
गुजर रहा हूँ यहाँ से भी गुजर जाउँगा,
मैं वक्त हूँ कहीं ठहरा तो मर जाउँगा !
वो उम्र भर कहते रहे तुम्हारे सीने में दिल नहीं,
दिल का दौरा क्या पड़ा ये दाग भी धुल गया !
इश्क़ ने गालिब निकम्मा कर दिया,
वर्ना हम भी आदमी थे काम के !
फिर उसी बेवफा पे मरते हैं,
फिर वही जिंदगी हमारी है ।
आया है बेकसी-ए-इश्क पे रोना ग़ालिब,
किसके घर जायेगा सैलाब-ए-बला मेरे बाद !

Galib ki Shayari in Hindi PDF

PDF Name Galib ki Shayari in Hindi PDF
PDF Language हिंदी
PDF Size 0.57 MB
PDF Page No. 7
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Disclaimer:

ये pdf स्टडी मिरर द्वारा तैयार की गई है हम इन शायरी पर अपना दावा नहीं करते हमारा उद्देश्य इंटरनेट पर पहले से मौजूद शायरी को पीडीएफ़ के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना है अगर आपको फिर भी लगता है कि हमने Copyright का उल्लंघन किया है तो आप हमें एक बारे [email protected] पर ईमेल कर जानकारी जरूर दें 24 घंटे के अंदर इस पीडीएफ़ को आर्टिकल से हटा लिया जाएगा। धन्यवाद।

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