कबीर के दोहे हमारे देश में हर सुबह मन को शांत करने के लिए सुने जाते हैं अगर आप भी Kabir ke Dohe in Hindi PDF में प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके लिए बहुत ही शानदार लेख लिखने की कोशिश की है साथ ही आपको इस पीडीएफ़ का Download लिंक भी इस लेख में प्रदान कराया गया है।
विषय | धार्मिक |
महत्वपूर्ण | मन को शांत करने के लिए |
नाम | Kabir ke Dohe in Hindi PDF |
Publisher | Study Mirror |
PDF Link By | आशीष सिंह |
Join Telegram | Join Here |
Kabir ke Dohe in Hindi PDF
कबीर दास जी के जन्म की बात करें तो उनके जन्म के संबंध में लोगों में मिथ है कि उनका जन्म कब हुआ था लेकिन बात अगर कबीर के जन्म स्थान की की जाए तो उनका जन्म वाराणसी में हुआ था कबीर के दोहे वर्तमान 2023 में भी बहुत ज्यादा प्रचलित हैं यही वजह है नई पीढ़ी के सिंगर भी इनको अपनी आवाज में प्रस्तुति दे लोगों के लिए कबीर के दोहे सुना रहे हैं।
Kabir ke Dohe in Hindi PDF में उपलब्ध प्रमुख दोहे
जिनके नौबति बाजती, मैंगल बंधते बारि ।
एकै हरि के नाव बिन, गए जनम सब हारि ॥
कहा कियौ हम आइ करि, कहा कहैंगे जाइ ।
इत के भये न उत के, चाले मूल गंवाइ ॥
पाहन पूजे हरि मिलें, तो मैं पूजौं पहार।
याते ये चक्की भली, पीस खाय संसार।।
“जो तूं ब्राह्मण , ब्राह्मणी का जाया !
आन बाट काहे नहीं आया !! ”
मैं-मैं बड़ी बलाइ है, सकै तो निकसो भाजि ।
कब लग राखौ हे सखी, रूई लपेटी आगि ॥
कहा कियौ हम आइ करि, कहा कहैंगे जाइ ।
इत के भये न उत के, चाले मूल गंवाइ ॥
उजला कपड़ा पहरि करि, पान सुपारी खाहिं ।
एकै हरि के नाव बिन, बाँधे जमपुरि जाहिं ॥
`कबीर’ नौबत आपणी, दिन दस लेहु बजाइ ।
ए पुर पाटन, ए गली, बहुरि न देखै आइ ॥
“लाडू लावन लापसी ,पूजा चढ़े अपार
पूजी पुजारी ले गया,मूरत के मुह छार !!”
“माटी का एक नाग बनाके,
पुजे लोग लुगाया !
जिंदा नाग जब घर मे निकले,
ले लाठी धमकाया !!”
“पाथर पूजे हरी मिले,
तो मै पूजू पहाड़ !
घर की चक्की कोई न पूजे,
जाको पीस खाए संसार !!”
Kabir ke Dohe in Hindi PDF
PDF Name | Kabir ke Dohe in Hindi PDF |
PDF Language | हिंदी |
PDF Size | 10.00 MB |
PDF Page No. | 75 |
PDF Fee | Free |
Join Telegram | Join Here |
You May Also Like: Environment Questions and Answers PDF in Hindi